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लिवर फंक्शन टेस्ट: यह क्या है और क्यों जरूरी है? (What is Liver Function Test in Hindi)

Last updated on : 18 Nov, 2024

Read time : 9 min

लिवर फंक्शन टेस्ट एक अत्यंत महत्वपूर्ण मेडिकल परीक्षण है जिससे लिवर की कार्यक्षमता और उसके स्वास्थ्य का पता लगाया जाता है। इस परीक्षण के जरिए डॉक्टर लिवर से संबंधित समस्या का पता लगाते हैं। लिवर हमारे शरीर का एक मुख्य अंग है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने, पाचन में सहायता करने और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में अपनी अहम भूमिका निभाता है। यदि लिवर सही से काम नहीं करता है तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। इस ब्लॉग में हम लिवर फंक्शन टेस्ट के महत्व, उसके प्रकार और लिवर की देखभाल से संबंधित जानकारी पर चर्चा करेंगे।

लिवर फंक्शन टेस्ट क्या है? (What is Liver Function Test in Hindi)

लिवर फंक्शन टेस्ट को अक्सर LFT के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ब्लड टेस्ट होता है जो लिवर के विभिन्न एंजाइम्स और प्रोटीन के स्तर को मापता है। यह परीक्षण लिवर के स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है और इससे लिवर की समस्याओं का पता लगाया जाता है। इसमें लिवर में उत्पन्न होने वाले एंजाइम्स जैसे कि ALT, AST, ALP और बिलीरुबिन आदि के स्तर की जांच की जाती है।

यह भी पढ़ें: लीवर को स्वस्थ बनाए रखती हैं ये 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

लिवर फंक्शन टेस्ट का उद्देश्य

लिवर फंक्शन टेस्ट का मुख्य उद्देश्य लिवर से जुड़ी गंभीर समस्याओं का जल्द पता लगाना और उचित उपचार सुनिश्चित करना है। यह टेस्ट निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए किया जाता है:

  1. लिवर की सामान्य कार्यक्षमता की जांच करने के लिए।
  2. लिवर में सूजन या चोट का पता लगाने के लिए ।
  3. लिवर के रोगों जैसे हेपेटाइटिस, सिरोसिस का निदान के लिए।
  4. उपचार के दौरान लिवर की प्रगति की निगरानी के लिए ।
  5. शरीर में लिवर से संबंधित अन्य रोगों की पहचान करने के लिए।

लिवर की प्रमुख भूमिकाएँ

लिवर हमारे शरीर का एक अहम अंग है और इसकी मुख्य भूमिकाएँ हैं:

  1. विषाक्त पदार्थों को हटाना: लिवर रक्त से हानिकारक टॉक्सिन्स को फिल्टर करता है।
  2. पाचन में सहायता: यह पित्त (बाइल) उत्पन्न करता है जो पाचन में मदद करता है।
  3. ऊर्जा भंडारण: लिवर ग्लूकोज को ग्लाइकोजन के रूप में संग्रहित करता है।
  4. प्रोटीन संश्लेषण: यह शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन का निर्माण करता है।
  5. रक्त को शुद्ध करना: यह रक्त को शुद्ध कर आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है।

लिवर फंक्शन टेस्ट के मुख्य प्रकार (Types of Liver Function Tests in Hindi)

लिवर फंक्शन टेस्ट विभिन्न प्रकार के होते हैं जिनके माध्यम से लिवर की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है। ये परीक्षण निम्नलिखित हैं:

1. ALT (Alanine Aminotransferase) टेस्ट

ALT लिवर में पाया जाने वाला एक एंजाइम है। जब लिवर को नुकसान होता है या वह सही से काम नहीं करता है तो यह रक्त में रिलीज हो जाता है इसलिए यह टेस्ट लिवर की चोट या सूजन का प्रारंभिक संकेत देने में मददगार होता है। सामान्यतः इसका स्तर 7-55 यूनिट/लीटर होता है।

2. AST (Aspartate Aminotransferase) टेस्ट

AST एक अन्य एंजाइम है जो लिवर और दिल में पाया जाता है। जब लिवर को क्षति होती है तो AST एंजाइम रक्त में अधिक मात्रा में पाया जाता है। इसका सामान्य स्तर 8-48 यूनिट/लीटर होता है।

3. ALP (Alkaline Phosphatase) टेस्ट

ALP लिवर, हड्डियों और पित्त नलिकाओं में पाया जाने वाला एक एंजाइम है। इसका बढ़ा हुआ स्तर लिवर की बीमारी, पित्त नलिकाओं की रुकावट या हड्डियों से संबंधित समस्याओं का संकेत हो सकता है। इसका सामान्य स्तर 45-115 यूनिट/लीटर होता है।

4. बिलीरुबिन टेस्ट

बिलीरुबिन लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनता है जिसे लिवर पित्त के माध्यम से शरीर से बाहर निकालता है। अगर लिवर सही से काम नहीं कर करता तो बिलीरुबिन का स्तर बढ़ सकता है जिससे पीलिया हो सकता है। सामान्यतः बिलीरुबिन का स्तर 0.1-1.2 मिलीग्राम/डीएल होता है।

5. एल्बुमिन टेस्ट

एल्बुमिन एक प्रकार का प्रोटीन है जो लिवर में बनता है और रक्त में पाया जाता है। यह टेस्ट लिवर की प्रोटीन बनाने की क्षमता का मूल्यांकन करता है। यदि लिवर सही से काम नहीं कर रहा होता तो एल्बुमिन का स्तर कम हो सकता है। सामान्यतः एल्बुमिन का स्तर 3.5-5.0 ग्राम/डीएल होता है।

6. PT (Prothrombin Time) टेस्ट

PT टेस्ट यह मापता है कि खून का थक्का बनने में कितना समय लगता है। लिवर खून को जमाने वाले प्रोटीन का निर्माण करता है और यदि लिवर सही से काम नहीं कर रहा होता है तो खून का थक्का बनने में अधिक समय लग सकता है। इस टेस्ट का सामान्य समय 11-13.5 सेकंड होता है।

लिवर फंक्शन टेस्ट कब करवाना चाहिए? (When to Get a Liver Function Test)

लिवर फंक्शन टेस्ट करवाने का सही समय वह होता है जब व्यक्ति को लिवर की समस्या के संकेत मिल रहे हों या डॉक्टर को किसी रोग का संदेह हो। निम्नलिखित लक्षण मिलने पर यह टेस्ट करवाना चाहिए:

  • पीली त्वचा और आँखें
  • पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
  • अत्यधिक थकान या कमजोरी
  • बुखार और अत्यधिक पसीना
  • वजन कम होना

लिवर फंक्शन टेस्ट कैसे होता है? (How is Liver Function Test Performed?)

लिवर फंक्शन टेस्ट एक सामान्य रक्त परीक्षण होता है जिसमें ब्लड सैंपल लिया जाता है। इसे परीक्षण के लिए लैब में भेजा जाता है जहां विभिन्न एंजाइम और प्रोटीन के स्तर की जांच की जाती है। इस परीक्षण के लिए किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन कुछ मामलों में डॉक्टर खाने-पीने में बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं।

लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणामों का विश्लेषण (Interpreting the Results of Liver Function Test)

लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणामों का विश्लेषण करते समय निम्नलिखित एंजाइम्स और प्रोटीन के स्तर पर ध्यान दिया जाता है:

  1. ALT और AST का बढ़ा हुआ स्तर लिवर की क्षति का संकेत देता है।
  2. ALP का उच्च स्तर लिवर या हड्डियों की समस्या का संकेत दे सकता है।
  3. बिलीरुबिन का बढ़ा हुआ स्तर पीलिया या अन्य लिवर विकारों का संकेत होता है।
  4. एल्बुमिन का कम स्तर लिवर के सही से काम न करने का संकेत हो सकता है।
  5. PT का बढ़ा हुआ समय लिवर की समस्याओं को दर्शाता है।

लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणाम पर क्या असर डाल सकता है? (Factors Affecting the Results of Liver Function Test)

लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणामों पर कई कारक असर डाल सकते हैं जैसे:

  1. दवाइयाँ: कुछ दवाइयाँ लिवर के कार्य को प्रभावित कर सकती हैं।
  2. खान-पान: वसा-युक्त भोजन और शराब का सेवन लिवर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
  3. व्यायाम: अत्यधिक व्यायाम करने से टेस्ट के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।
  4. अन्य बीमारियाँ: शरीर की अन्य समस्याएँ जैसे दिल या किडनी की बीमारी भी परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं।

लिवर की सेहत बनाए रखने के उपाय (Tips for Maintaining Liver Health in Hindi)

  1. स्वस्थ आहार: फाइबर युक्त आहार और ताजे फल-सब्जियों का सेवन करें।
  2. शराब से बचें: शराब का सेवन लिवर के लिए हानिकारक हो सकता है इसलिए इसका सेवन कम से कम करें।
  3. व्यायाम करें: नियमित व्यायाम से लिवर की सेहत में सुधार होता है।
  4. दवाइयों का सही प्रयोग: किसी भी दवाई का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
  5. पर्याप्त पानी पिएं: लिवर को साफ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

निष्कर्ष (Conclusion)

लिवर फंक्शन टेस्ट एक महत्वपूर्ण चिकित्सा परीक्षण है जिससे लिवर की स्थिति का मूल्यांकन किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए लिवर से जुड़ी समस्याओं का जल्दी पता लगाकर सही समय पर उपचार किया जा सकता है। लिवर की सेहत बनाए रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यदि आपको लिवर से संबंधित कोई समस्या महसूस होती है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और आवश्यक परीक्षण करवाएँ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

लिवर फंक्शन टेस्ट के लिए क्या तैयारी करनी चाहिए?

लिवर फंक्शन टेस्ट के लिए आमतौर पर कोई विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन डॉक्टर कुछ खास निर्देश दे सकते हैं जैसे खाली पेट रहना या कुछ दवाइयों का सेवन बंद करना।

क्या लिवर फंक्शन टेस्ट दर्दनाक होता है?

नहीं यह एक सामान्य रक्त परीक्षण है और इसमें ज्यादा दर्द महसूस नहीं होता। केवल सुई के चुभने का हल्का दर्द हो सकता है।

टेस्ट के परिणाम कितने समय में मिलते हैं?

आमतौर पर लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणाम 24 से 48 घंटे के भीतर मिल जाते हैं।

अगर लिवर फंक्शन टेस्ट के परिणाम असामान्य हों तो क्या करें?

अगर परिणाम असामान्य हों तो डॉक्टर से परामर्श करें। वे आगे के परीक्षण और उपचार के लिए मार्गदर्शन करेंगे।

क्या लिवर फंक्शन टेस्ट से लिवर कैंसर का पता चलता है?

लिवर फंक्शन टेस्ट से कैंसर का प्रत्यक्ष पता नहीं चलता। यह केवल लिवर में असामान्यताओं का संकेत देता है जिससे आगे के परीक्षण किए जा सकते हैं।

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